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चुनाव आयोग का बड़ा दावा, हमने हल कर दी 99 फीसदी शिकायतें, ईसी को इस ऐप से आप भी कर सकते हैं कंप्लेन

नई दिल्ली. भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में चुनाव आयोग के सीविजिल ऐप के जरिये 79,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं. इसमें कहा गया है कि 99 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का समाधान कर दिया गया है और उनमें से लगभग 89 प्रतिशत का समाधान 100 मिनट के भीतर कर दिया गया है. चुनाव आयोग के मुताबिक 58,500 से अधिक शिकायतें (कुल शिकायतों का 73 प्रतिशत) अवैध होर्डिंग्स और बैनरों के खिलाफ थीं. इसमें कहा गया है कि 1400 शिकायतें पैसे, उपहार और शराब बांटने से जुड़ी थीं, जबकि 2,454 संपत्तियों को खराब करने से संबंधित थे.

चुनाव आयोग के मुताबिक हथियारों के प्रदर्शन और धमकी के बारे में 535 शिकायतें हासिल हुईं, जिनमें से 529 का समाधान कर दिया गया है. इसके अलावा रिपोर्ट की गई 1,000 शिकायतें तय समय खत्म होने के बाद प्रचार करने के लिए थीं, जिसमें अनुमति वाले समय के बाद स्पीकर का उपयोग भी शामिल था. सीविजिल एक मोबाइल ऐप है, जो नागरिकों को राजनीतिक गड़बड़ियों की घटनाओं की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है. चुनाव आयोग ने कहा कि सीविजिल एक प्रभावी उपकरण बन गया है और यह चुनावी निगरानी और अभियान अव्यवस्था को कम करने में एक महत्वपूर्ण छलांग है.

सीविजिल उपयोग में आसान
चुनाव आयोग के मुताबिक यह यूजर्स के अनुकूल और चलाने में आसान है, जो नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारियों और फ्लाइंग स्क्वाड टीमों से जोड़ देता है. अपनी शिकायतें दर्ज करने के बाद शिकायतकर्ता गुमनाम रूप से नियमों के उल्लंघन की रिपोर्ट करना चुन सकते हैं. जिसे उनको एक यूनिक आईडी हासिल होगी जिसके जरिये वे अपनी मोबाइल पर शिकायत को ट्रैक कर सकेंगे. ईसी ने कहा कि तीन कारक इस ऐप को सफल बनाते हैं. सबसे पहले यूजर्स रीयल टाइम में ऑडियो, फोटो या वीडियो कैप्चर करते हैं. दूसरा शिकायतों पर समयबद्ध प्रतिक्रिया के लिए 100 मिनट की उलटी गिनती सुनिश्चित की जाती है.

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सीविजिल में जियो-टैगिंग सुविधा
अंत में जब यूजर्स उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए ऐप में अपने कैमरे पर स्विच करता है तो सीविजिल स्वचालित रूप से एक जियो-टैगिंग सुविधा में सक्षम बना देता है. जिससे उड़न दस्ते रिपोर्ट की गई उल्लंघन की सटीक जगह जान सकेंगे. जियो-टैगिंग नागरिकों द्वारा खींची गई तस्वीरों को अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल करने की भी अनुमति देती है. हालाकि ऐप के कथित दुरुपयोग को रोकने के लिए पांच मिनट से अधिक पुराने फोटो या वीडियो को अपलोड करने की अनुमति नहीं है. चुनाव आयोग ने कहा कि यह ऐप टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने और मतदाताओं और राजनीतिक दलों की सुविधा के लिए आयोग द्वारा बनाए गए ऐप्स में से एक है. ईसीआई ने 16 मार्च को 2024 के आम चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी. सात चरण का मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा और गिनती 4 जून को होगी.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Central Election Commission, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

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