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टेक गुरु पीएम मोदी! तकनीक को बनाते हैं जीवन का साधन, शुरुआत में ही पहचान ली थी सोशल मीडिया की ताकत

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेक्नोलॉजी के मुरीद कुछ ऐसे हैं कि उनके राजनीतिक तंज में भी ‘टेक’ होते हैं. पिछले साल अक्‍टूबर में इंडिया मोबाइल कांग्रेस के 7वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘अगर आप 10-12 साल पुराने समय के बारे में सोचें, तो याद आएगा कि तब आउटडेटेड मोबाइल फोन की स्क्रीन बार-बार हैंग हो जाती थी. ऐसी ही स्थिति उस समय की सरकार की भी थी. वो हैंग मोड में थी. ऐसे में साल 2014 में लोगों ने आउटडेटेड फोन को छोड़ दिया और हमें सेवा करने का मौका दिया.’ आज बिल गेट्स से चर्चा के दौरान भी मोदी ने कहा, ‘कभी-कभी मैं मजाक में कहता हूं कि हमारे देश में हम अपनी मां को आई कहते हैं. लेकिन अब मैं कहता हूं कि जब कोई बच्चा पैदा होता है तो वह आई के साथ-साथ एआई भी कहता है.’

मोदी किस कदर नई टेक्नोलॉजी से जुड़ते हैं इसकी एक बानगी कुछ हफ़्तों पहले मिली जब वॉट्सऐप ने अपना फीचर “WhatsApp Channel” शुरू किया. प्रधानमंत्री मोदी उन सबसे पहले लोगों में से थे जिन्होंने तुरंत इस फीचर को ज्वाइन किया और आम जनता से व्हाट्स एप के जरिये कनेक्ट हो गए. भारतीय राजनीति खासकर चुनावों को आधुनिक और इनोवेटिव बनाने का श्रेय भी नरेन्द्र मोदी को जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी लगभग 6 हज़ार कार्यक्रमों में शामिल हुए जिसमें से लगभग 4 हज़ार कार्यक्रम ‘चाय पे चर्चा” के थे. मोदी देश के कोने-कोने में जनता से वीडियो लिंक के माध्यम से जुड़े. आज भी कई सरकारी कार्यक्रम में मोदी वीडियो लिंक के जरिये ही जुड़ते हैं, जो समय और पैसा दोनों बचाता है.

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12 साल पहले किया था 3डी प्रचार
पीएम मोदी किस कदर तकनीक के मुरीद हैं, इसकी बानगी 20 नवंबर 2012 की रैली से पता चलती है. तब मोदी ने 3डी तकनीक से एक साथ चार शहरों में रैली की थी. यह अपने आप में चुनाव प्रचार की अनोखी और अभूतपूर्व पहल थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया को एक मजबूत हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. सोशल मीडिया की ताकत को मोदी ने शुरुआत में ही समझ लिया था. जल्‍दी और तेज शुरुआत के चलते ही आज प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया के बेताज बादशाह हैं.

खुद का ऐप भी बनवाया
प्रधानमंत्री ने अपना निजी नमो ऐप भी तैयार किया जिसके जरिए वो ना केवल भाजपा कार्यकर्ताओं, बल्कि देश के आम नागरिकों से भी सीधे जुड़ गए. प्रधानमंत्री को आम जनता इसी नमो ऐप पर सुझाव भेजती है, जिसका जिक्र वह रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी हर छोटी बड़ी गतिविधियों की जानकारी इस ऐप पर मिलती है. यहां तक कि इसके फोटो कलेक्शन के बारे में मोदी ने बिल गेट्स को भी बताया.

तकनीक से पुराना नाता
प्रधानमंत्री मोदी का विज्ञान और तकनीक से कैसा जुड़ाव रहा है, यह उनकी एक पुरानी हस्तलिखित प्रति से भी मालूम पड़ता है. इसे कुछ वक्त पहले मोदी आर्काइव एक्स हैंडल पर शेयर किया गया. इस नोट में मोदी ने लिखा था कि ‘SCIENCE IS UNIVERSIAL BUT TECNOLOGY MUST BE LOCAL” यानी विज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन प्रौद्योगिकी स्थानीय होनी चाहिए. यह उनकी पर्सनल डायरी का हिस्सा है.

बिल गेट्स से बोले- डिजिटल विभाजन नहीं होने देंगे
बिल गेट्स से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “जब मैं दुनिया में डिजिटल विभाजन के बारे में सुनता था, तो मुझे लगता था कि मैं अपने देश में ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगा. डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा अपने आप में एक बड़ी जरूरत है. भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए ज्यादा खुली हैं. उन्होंने कहा कि मैंने “नमो ड्रोन दीदी” योजना शुरू की है. यह बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. मैं इन दिनों महिलाओं से बातचीत करता हूं तो वो खुश होकर बताती हैं कि वे साइकिल चलाना नहीं जानती थी और अब पायलट हैं और ड्रोन भी उड़ा सकती हैं.”

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हर मंच से विज्ञान पर जोर
मोदी हर मंच से लगातार विज्ञान, तकनीक और वोकल फॉर लोकल पर जोर देते रहे हैं. वह देश के युवाओं, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों से लगातार देश में नई तकनीक की विकास यात्रा के साथ जुड़ने का भी आह्वान करते रहे हैं. चंद्रयान, सूर्ययान के समय उनकी सक्रियता देखते ही बनती थी तो कोरोना महामारी जैसे आपदा काल में देश में स्वदेशी वैक्सीन का भी निर्माण हुआ. इसने न केवल भारतवासियों को सुरक्षित किया, बल्कि पूरी दुनिया के कई देशों के नागरिकों को इन वैक्सीन के जरिए जीवन सुरक्षा मिली.

तकनीक ही बना सकती है विकसित भारत
मोदी भली भांति जानते हैं कि विकासशील देश से विकसित देश होने के सफर को अगर कोई और तेज करता है, तो वो है टेक्‍नोलॉजी. इसीलिए भारत में विकास का लाभ हर वर्ग, हर क्षेत्र तक पहुंचे, भारत में संसाधनों का सभी को लाभ मिले, सभी को सम्मानजनक जीवन मिले और सभी तक टेक्नोलॉजी का फायदा पहुंचे, इस दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है. भारत नेट प्रोजेक्ट ने अब तक करीब 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा है. 10 हजार अटल टिकरिंग लैब्स के जरिए, भारत सरकार ने करीब 75 लाख बच्चों को कटिंग एज टेक्‍नोलॉजी से जोड़ा है. वहीं, भारत का सेमीकंडक्टर मिशन पूरी दुनिया की जरूरत पूरी करने की तरफ बढ़ रहा है.

तकनीक के जोखिम से भी वाकिफ
ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी टेक्नोलॉजी के खतरों को नहीं समझते. इसी साल जनवरी में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने छात्रों से बात करते हुए कहा कि ‘टेक्नोलॉजी का कैसे इस्तेमाल करना है, इसका विवेक होना चाहिए. आज हर माता-पिता की चिंता का यह विषय है. इस पर रोक लगाने के लिए घर में डिसिप्लिन होना चाहिए. डाइनिंग टेबल पर फोन बैन करें. घर में ही नो मोबाइल जोन बनाएं कि घर में इस समय कोई फोन नहीं देखेगा. अगर आप फोन देख भी रहे हैं तो रील नहीं देखें आप मोबाइल पर मैथ के प्रश्नों को हल करने के तरीके देखें, पढ़ने की लेटेस्ट चीजों को देखें. टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करें. मोबाइल की ताकत को पहचानें. क्लास रूम में भी मोबाइल के पॉजिटिव चीजों की चर्चा होनी चाहिए. साथ ही पारदर्शिता भी लानी होगी.’

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Business news in hindi, Information and Technology, PM Modi

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